
भगवान श्रीकृष्ण को माता देवकी ने जन्म तो दिया लेकिन ऐसी परिस्थितियां बनीं कि माता यशोदा ने उनका लालन पालन किया. इस तरह आज तक श्रीकृष्ण को यशोदा के नंदलाला के रूप में जाना जाता है. हिन्दू धर्म में यशोदा जयंती की बहुत मान्यता है. मातृत्व का प्रतीक माता यशोदा के जन्म दिवस पर उनकी पूजा आराधना करने से संतान की उम्र लंबी होती है और जीवन सुखी होता है. माताएं अगर इस दिन माता यशोदा की पूजा पूरे मन से करें तो मातृत्व का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं. यशोदा जयंती के दिन व्रत का संकल्प करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. आइए जाने कि इस पर्व पर किस विधि से पूजा आराधना करें ताकि माता और संतान दोनों को माता यशोदा और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
कब है यशोदा जयंती
पंचांग देखें तो यशोदा जयंती फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले वाली षष्ठी तिथि को मनाई जाती है, इस साल यह तिथि 18 फरवरी को प्रातः 4 बजकर 53 मिनट पर होगी. 19 फरवरी को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर तिथि का समापन हो रहा है. इस तरह यशोदा जयंती 18 फरवरी को उदया तिथि में पड़ रही है.
यशोदा जयंती की पूजा सामग्री
मइया यशोदा और बाल गोपाल की प्रतिमा या चित्र होना जरूरी है.
साफ लाल कपड़ा
कलश, रोली, चंदन, अक्षत
फूल (पीले रंग के फूल शुभ माने जाते हैं), धूप
दीप, नैवेद्य (माखन, मिश्री, फल)
तुलसी का पत्ता, गंगाजल आदि
यशोदा जयंती पूजा विधि
यशोदा जयंती पर सुबह सवेरे उठें और स्नान ध्यान कर व्रत का संकल्प करें.
पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें. इस पर माता यशोदा और बाल गोपाल को स्थापित करें.
कलश में गंगाजल लें, जल अर्पित करें, रोली अर्पित करें, चंदन अर्पित करें और फूल अर्पित करें.
घी का दीपक माता यशोदा और भगवान के सामने जलाएं.
माता यशोदा और बाल गोपाल को रोली, चंदन समेत सभी सामग्री को अर्पित करें.
माता यशोदा और बाल गोपाल को भोग के रूप में माखन, मिश्री व फल अर्पित करें.
अंत में माता यशोदा और बाल गोपाल की आरती उतारें और संतान की लंबी आयु व अच्छे स्वास्थ्य का आशार्वाद भगवान से मांगे.
यशोदा जयंती के उपाय | Do These Measures On Yashoda Jayanti
यशोदा जयंती पर गेहूं से भरा तांबे का कलश अगर कृष्ण मंदिर में चढ़ा दें तो साधक पर भगवान की विशेष कृपा होगी.
गृहक्लेश से मुक्ति पाना है तो माता यशोदा और श्री कृष्ण पर चढ़ाई गई मौली को घर के मुख्य द्वार पर बांधें.
यशोदा जयंती के अवसर पर अगर दान-पुण्य करें तो इसे अति शुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे.
यशोदा जयंती पर अगर घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या ॐ का चिह्न बनाएं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.
यशोदा जयंती के मंत्र
इस यशोदा मंत्र का जाप करें: “ॐ यशोदे नमः”
श्रीकृष्ण जी के इस मंत्र का जाप करें: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”