ऐसा मकान बन जाता है बर्बादी का कारण, वास्तु के अनुसार यहां जानिए कैसे करें पहचान

हर व्यक्ति के लिए एक अच्छा और सुखदायक घर जरूरी होता है. लेकिन कई बार बिना सही जानकारी के मकान खरीदने या उसमें रहने से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं. ज्योतिष और वास्तुशास्त्र के अनुसार, मकान का संबंध शनि और राहु से होता है. मकान की दीवारें शनि को दर्शाती हैं, जबकि छत राहु का प्रतीक होती है. अगर मकान की संरचना या दिशा सही नहीं है तो इसके कारण मानसिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. कई बार लोग यह सोचते हैं कि वे सही दिशा और स्थान पर मकान ले रहे हैं, लेकिन फिर भी परिवार में क्लेश, बीमारी, आर्थिक तंगी और दुर्घटनाएं होने लगती हैं. इसके पीछे कई ज्योतिषीय और वास्तु संबंधी कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में जानकारी दे रहे हैं.

टी-पॉइंट पर बना मकान क्यों होता है अशुभ?
सबसे पहले, टी-पॉइंट पर स्थित मकानों के बारे में जानना जरूरी है. टी-पॉइंट का अर्थ है कि कोई गली या सड़क मकान के ठीक सामने आकर समाप्त होती हो. ऐसे स्थानों पर बने घरों में रहने वाले लोग अक्सर परेशानियों का सामना करते हैं.

बनी रहती हैं ये परेशानियां
हमेशा आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं.
परिवार के सदस्य मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं.
कोर्ट-कचहरी और कानूनी मामलों में फंसने की संभावना अधिक होती है.
परिवार के लोगों की उन्नति रुक जाती है और वे लगातार संघर्ष करते रहते हैं.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि टी-पॉइंट पर स्थित मकानों पर बाहरी नकारात्मक ऊर्जा का सीधा प्रभाव पड़ता है. सड़क से आने वाली सारी ऊर्जा, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक सीधे घर में प्रवेश कर जाती है. यही वजह है कि ऐसे मकानों में रहने वाले लोग कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं.

बंद गली या आखिरी मकान क्यों अशुभ होता है?
अगर किसी गली का अंतिम मकान आपका है तो यह भी वास्तु और ज्योतिष के अनुसार अशुभ माना जाता है. ऐसे मकानों में रहने से व्यक्ति की तरक्की रुक जाती है.

इस प्रकार के घरों में रहने से क्या परेशानी आती है?
घर में बीमारी लंबे समय तक बनी रहती है और लोग जल्दी ठीक नहीं होते.
धन आने के मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं और आर्थिक संकट बना रहता है.
परिवार के सदस्य मानसिक रूप से परेशान रहते हैं और आपसी संबंधों में तनाव बढ़ता है.
जब व्यक्ति का रहने का स्थान ही बंद गली में होता है तो यह उसकी जीवन उन्नति को रोक सकता है. वास्तु के अनुसार घर में ऊर्जा का प्रवाह आवश्यक होता है लेकिन बंद गली में ऐसा संभव नहीं हो पाता जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है.

अशुभ मकान की पहचान कैसे करें?
अंग-भंग मकान का अर्थ होता है कि मकान का कोई हिस्सा कटा-फटा हो असामान्य आकार का हो, या फिर मकान में असंतुलन हो. ऐसे मकानों में राहु और सूर्य का नकारात्मक प्रभाव अधिक होता है.

ऐसे घरों में रहने से कई परेशानियां आती हैं

परिवार में किसी न किसी को गंभीर मानसिक या शारीरिक बीमारी हो सकती है.
घर के सदस्यों के जीवन में अस्थिरता बनी रहती है.
घर में रहने वालों का भाग्य कमजोर पड़ जाता है और उनकी उन्नति में बाधाएं आती हैं.

अगर मकान का कोई कोना कटा हुआ है या असमान रूप से बना हुआ है, तो यह अशुभ प्रभाव डालता है. ऐसे मकानों में नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है, जिससे घर के लोग लगातार परेशानियों में घिरे रहते हैं.

अशुभ मकानों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के उपाय
अगर आप किसी अशुभ मकान में रह रहे हैं और वहां से स्थानांतरण संभव नहीं है, तो कुछ उपायों को अपनाकर इन बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है.

चौखट के नीचे चांदी की तार: मकान के मुख्य द्वार की चौखट के नीचे चांदी की तार डालें. यह नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकता है.
हनुमान जी की मूर्ति: घर के मुख्य द्वार पर हनुमान जी की प्रतिमा लगाएं और नियमित रूप से उनकी पूजा करें.
तीन धातु के छल्ले: परिवार के सदस्यों को सोना, चांदी और तांबे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है. यह ऊर्जा संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.
चांदी का डिब्बा या सिक्का: घर में चांदी की डिब्बी में चावल रखें. यह राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है.
नियमित सफाई और पूजा: घर को साफ-सुथरा रखें और नियमित रूप से पूजा-पाठ करें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी

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