
🙏 दोस्तों, हिंदू धर्म में यशोदा जयंती का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की माता यशोदा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भले ही माता देवकी के गर्भ से हुआ, लेकिन उनका लालन-पालन मां यशोदा ने गोकुल में किया।
🛕 पूजा का महत्व और लाभ यशोदा जयंती के दिन मां यशोदा और बाल गोपाल की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने से संतान की आयु लंबी होती है, जीवन सुखमय बनता है और श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से यह व्रत महिलाओं के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है।
📅 कब मनाई जाएगी यशोदा जयंती? हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह पावन दिन 18 फरवरी को है। तिथि 18 फरवरी की सुबह 4:53 बजे से शुरू होकर 19 फरवरी की सुबह 7:32 बजे तक रहेगी।
🕉️ पूजा विधि (Step by Step)
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मां यशोदा का ध्यान करें।
- गंगाजल मिले पानी से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करें।
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां यशोदा और बाल गोपाल की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- रोली, चंदन, फूल, दूर्वा, सिंदूर और अक्षत चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाएं और भोग लगाएं – मां यशोदा को फल, हलवा और मिठाई तथा बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें।
- श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
- व्रत रखें और शाम को पू
जा के बाद फलाहार करें।
✨ तो आइए, इस यशोदा जयंती पर मां यशोदा और बाल गोपाल की आराधना कर अपने जीवन में सुख, शांति और संतान सुख प्राप्त करें!
🙏 जय श्रीकृष्ण! जय माता यशोदा! 🙏