सोमवार को करें शिवजी के इस स्तोत्र का पाठ, मिलेगा मनचाहा फल और वर

हिंदू धर्म में सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। शिव भक्त भोलेनाथ को खुश करने के लिए सोमवार के दिन पूजा करने के साथ-साथ  व्रत भी करते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव भक्तों के थोड़े प्रयासों से ही प्रसन्न हो जाते हैं यही वजह है कि उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।

वहीं, अगर आपके घर में कलह-क्लेश बना हुआ है या आप आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो आप सोमवार का उपवास कर भोलेनाथ को खुश कर सकते हैं। इसके अलावा आप सोमवार के दिन शिवजी की पूजा करते समय शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। इस पाठ को करने से शिवजी खुश होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram)
1. नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्।

2. निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्।

3. तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा।

4. चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि।

5. प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्।

6. कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी।

7. न यावद् उमानाथपादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं।

8. न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो।

9. रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति।

  • Related Posts

    ऐसे गहनों का सपने में दिखना होता है अशुभ, देता है अकाल मृत्यु के संकेत

    जिंदगी में होने वाली घटनाओं का आभास कभी कभार सपनों में भी हो जाता है। हर सपने का एक खास मतलब होता है, जो व्यक्ति को कोई न कोई संकेत…

    Read more

    व्यापार के दाता बुध का रत्न है पन्ना, पहनने से इन राशियों की खुल सकती है किस्मत, जानिए धारण करने के नियम और लाभ

    वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्नों और मंत्रों का वर्णन मिलता है। आपको बता दें कि रत्न शास्त्र में प्रमुख 9 रत्नों का…

    Read more